जिस दिन किसी व्यक्ति को दास बना लिया जाता है, उसी दिन से उसके आधे सदगुण गायब हो जाते हैं। -होमर शासन तन्त्र की जो व्यवस्था भारत में लागू है, वह जनता के चरित्र उत्थान की दृष्टि से नहीं बनायी गयी है। वर्तमान शिक्षा-व्यवस्था ने कुछ व्यक्तियों को मात्र अधिक शिक्षित करने के अलावा कुछ नहीं किया है जबकि बहुसंख्य वैसे ही अनभिज्ञ बने हैं और उनकी निर्भरता कुछ शिक्षित व्यक्तियों की दया पर है। असल में, यह ब्रह्मण प्रभुत्व वाली अनैतिक नीति का ही विस्तार है जिसके स्वरूप भारतीय सभ्यता का विकास अवरुद्ध रहा। कोई अन्य कारण इसके लिए जिम्मेदार नहीं है।“ -कर्नल जी.जे. हैले ” ब्रह्मम्णो को विचित्र साधन उपलब्ध कराये युग बीत गये। इन ब्रह्मम्णो को उपकारी की श्रेणी में शामिल करने में संवेदनशील विद्वान भी संकोच करेंगे । ये ब्राहमण हजारों वर्ष पुरानी विद्या के विशाल भण्डार पर दम्भ करते हैं। इन्होंने ढेर सारी सम्पदा अर्जित कर ली है। उन्हें असीम अधिकार प्राप्त हैं। परन्तु इन सबका क्या लाभ? उन्होंने अत्यधिक नीच अन्धविश्वासों को पनपाया है। अपने लिए आमोद-प्रमोद तथा सम्पत्ति संग्रह के भरपूर अवसर प्राप्त किये-अपनी शक्ति और संयोग के सहारे। संसार में एक सर्वविदित विरोधात्मक व्यवस्था को कायम रखा। उनकी इस दुरुपयोगी शक्ति के क्षीण होने पर ही हम राष्ट्रीय पुनर्जीवन की महान उपलब्धि की आशा कर सकते हैं।“ -मीड के ‘सिपॉय रिवोल्ट’ से
What Congress and Gandhi Have Done to the Untouchables
Lenten Lantern: Reflections on Lent : a Resource Book for Lenten Campaign for Dalit Liberation
This becomes the foundation of values education . To resemble God is to resemble the Divine Image and Divine Character . In short , for man and woman to resemble God is to grow to resemble the relationship within the Divine Image ...
of independence , tribal women are the most disadvantaged lot . So , in terms of literacy , in Table - 2 tribal women are the most backward among all sections of population ; female literacy is almost negligible as Table - 2 represents ...
If asked to beat , it shall beat ; if asked to bite , it shall bite . ' I feel that such a situation shall also arise some day for Jayalalithaa . I say so , because the police system needs to be reformed .
Untouchable
Bringing together scholars and activists, this volume examines the many facets of on-going Dalit struggles to improve their position.
In his inspiring and challenging book "Disturbing the Dust - Notes from the Margins", he explores such questions as these:Can the Catholic Church be a Church ofthe poor for the poor?
The Untouchables: Who Were They and why They Became Untouchables?
Dalits in India: Search for a Common Destiny